बिहार मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025: भुगतान स्थिति और नई अपडेट

Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana

बिहार सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए “मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना” (Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana) की शुरुआत की है। इस योजना के तहत राज्य की प्रत्येक पात्र महिला को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि वे अपनी पसंद का व्यवसाय या रोजगार शुरू कर सकें। वर्ष 2025 में इस योजना के भुगतान और किस्त से जुड़ी कई महत्वपूर्ण अपडेट सामने आई हैं, जिनका इंतज़ार लाखों महिलाएं कर रही हैं।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना | Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana

बिहार कैबिनेट ने अगस्त 2025 में मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना को मंजूरी दी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बनाना है।

योजना के तहत पात्र महिलाओं को ₹10,000 की पहली सहायता राशि दी जाती है ताकि वे अपना छोटा व्यवसाय शुरू कर सकें — जैसे कि सिलाई, बुनाई, पशुपालन, खेती, या हस्तशिल्प आदि। छह महीने बाद, यदि महिला का व्यवसाय सफल रहता है, तो सरकार द्वारा ₹2 लाख तक की अतिरिक्त सहायता दी जा सकती है ताकि वह अपना व्यवसाय और आगे बढ़ा सके।

इस योजना को सशक्त बनाने के लिए स्वयं सहायता समूह (SHG) और ग्रामीण हाट बाजार (Gramin Haat-Bazaar) की भी व्यवस्था की गई है, ताकि महिलाओं को प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और अपने उत्पादों की बिक्री का अवसर मिल सके।

योजना का शुभारंभ और पहली किस्त

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 सितंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना का औपचारिक शुभारंभ किया।
इस अवसर पर 75 लाख महिलाओं के बैंक खातों में ₹10,000 की राशि ट्रांसफर की गई, जिससे कुल ₹7,500 करोड़ रुपये का भुगतान हुआ।

यह राशि सीधे डीबीटी (Direct Benefit Transfer) माध्यम से महिलाओं के खातों में भेजी गई, जिससे पारदर्शिता और भ्रष्टाचार-मुक्त प्रक्रिया सुनिश्चित की जा सके।

भुगतान स्थिति और किस्त अपडेट 2025

योजना के अंतर्गत अब तक निम्नलिखित भुगतान अपडेट सामने आए हैं:

  • पहली किस्त ₹10,000 — 26 सितंबर 2025 को जारी की गई।
  • योजना में कुल ₹2 लाख तक की सहायता का प्रावधान है, जो 6 महीने बाद मूल्यांकन के आधार पर दी जाएगी।
  • वर्तमान में महिलाएं चौथी किस्त का इंतजार कर रही हैं, जो रिपोर्ट के अनुसार 10 अक्टूबर 2025 के बाद जारी हो सकती है।
  • अब तक 1.21 लाख महिलाओं को भुगतान प्राप्त हो चुका है, जबकि 19 लाख से अधिक महिलाएं भुगतान की प्रतीक्षा कर रही हैं।

राज्य सरकार ने बताया है कि भुगतान चरणबद्ध तरीके से जारी किया जा रहा है और जल्द ही सभी पात्र महिलाओं के खाते में राशि पहुंच जाएगी।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के मुख्य उद्देश्य

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के चार प्रमुख उद्देश्य हैं:

  1. महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता:
    महिलाओं को आर्थिक सहायता देकर उन्हें स्वयं का रोजगार शुरू करने में सक्षम बनाना — जैसे कृषि, सिलाई, डेयरी, हस्तशिल्प आदि क्षेत्रों में।
  2. बेरोजगारी और पलायन में कमी:
    ग्रामीण महिलाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर देने से परिवारों को राज्य छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
  3. संस्थागत सहायता और प्रशिक्षण:
    स्वयं सहायता समूहों और सामुदायिक संसाधन व्यक्तियों (CRP) के माध्यम से प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और व्यवसायिक सहायता प्रदान की जाएगी।
  4. समावेशी विकास (Inclusive Growth):
    महिलाओं को समाज और अर्थव्यवस्था के मुख्यधारा से जोड़ना, ताकि राज्य का विकास महिलाओं की भागीदारी के साथ हो सके।

पात्रता (Eligibility) और आवेदन प्रक्रिया

इस योजना का लाभ केवल बिहार की महिलाओं को मिलेगा। पात्रता शर्तें निम्नलिखित हैं:

  • आवेदक बिहार की स्थायी निवासी महिला होनी चाहिए।
  • प्रत्येक परिवार से केवल एक महिला को योजना का लाभ मिलेगा।
  • आवेदक महिला को स्वरोजगार शुरू करने की इच्छा और बैंक खाता (DBT सक्षम) होना आवश्यक है।
  • आवेदन प्रक्रिया राज्य सरकार के आधिकारिक पोर्टल के माध्यम से की जाएगी।
  • पहली किस्त मिलने के बाद, 6 महीने के भीतर योजना का मूल्यांकन किया जाएगा और व्यवसाय सफल होने पर ₹2 लाख तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना प्रशिक्षण और सहायता व्यवस्था

सरकार ने स्पष्ट किया है कि केवल आर्थिक सहायता देना ही पर्याप्त नहीं है। इसलिए, महिलाओं को व्यवसाय प्रबंधन, वित्तीय साक्षरता और मार्केटिंग से संबंधित प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।

साथ ही, ग्रामीण हाट बाजारों का निर्माण किया जा रहा है, जहां महिलाएं अपने उत्पादों को सीधे बेच सकेंगी और स्थानीय स्तर पर अपना ब्रांड बना सकेंगी।

इस योजना की सफलता के लिए कुछ चुनौतियां भी सामने हैं:

  • समय पर भुगतान: बड़ी संख्या में लाभार्थियों के कारण सभी को समय पर राशि पहुंचाना चुनौतीपूर्ण है।
  • प्रशिक्षण की गुणवत्ता: कई महिलाएं पहली बार व्यवसाय शुरू कर रही हैं, इसलिए प्रभावी प्रशिक्षण जरूरी है।
  • बाजार तक पहुंच: महिलाओं को अपने उत्पादों के लिए उचित बाजार उपलब्ध कराना जरूरी है ताकि उनका व्यवसाय टिकाऊ रहे।
  • पारदर्शिता और मूल्यांकन: आगे की किस्तों के लिए निष्पक्ष मूल्यांकन और फीडबैक प्रणाली स्थापित करना आवश्यक है।

यदि इन बिंदुओं पर ध्यान दिया गया, तो यह योजना बिहार में महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।

मुख्यमंत्री महिला रोजगार आगे की संभावनाएं

आने वाले महीनों में सरकार द्वारा निम्नलिखित कदम उठाए जाने की उम्मीद है:

  • दूसरी, तीसरी और चौथी किस्तों की तिथियों की आधिकारिक घोषणा।
  • ऑनलाइन पोर्टल पर भुगतान स्थिति (Payment Status) जांचने की सुविधा।
  • नए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना और महिला स्वयं सहायता समूहों की मजबूती।
  • सफल लाभार्थियों की कहानियां साझा करना ताकि अन्य महिलाएं भी प्रेरित हो सकें।

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निष्कर्ष – Mukhyamantri Mahila Rojgar Yojana

मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना 2025 बिहार सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है जो महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में मजबूत कदम देती है। इस योजना के तहत दी जा रही वित्तीय सहायता न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य की सामाजिक संरचना में भी सकारात्मक बदलाव लाएगी।

जो महिलाएं अब तक अपनी किस्त का इंतजार कर रही हैं, वे राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग के पोर्टल पर जाकर “Payment Status Check” कर सकती हैं।
सरकार का लक्ष्य है कि साल 2025 के अंत तक सभी पात्र महिलाओं तक योजना की राशि पूरी तरह पहुंच जाए।

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